एमबीएनएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठीआयोजित 200छात्र-छात्राएं ने लिया भाग


चांडिल
:सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल स्तिथ आसनबनी में श्री आचार्य गुरुकुल एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित एमबीएनएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स का 21वीं सदी में शिक्षा चुनौतियां एवं अवसर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया । एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के अध्यक्ष श्री विवेक सिंह और निर्देशिका श्रीमती अनुपा सिंह ने इसका संचालन किया। मंच संचालक के रूप में सीखा शर्मा और इशिका बनर्जी थे

शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकते हैं: डॉ बंश गोपाल
इस अवसर पर प्रमुख अतिथियों ने अपना बिचार प्रस्तुत किये कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में सुन्दरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी, छत्तीसगढ़ कुलपति डॉ. बंश गोपाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में नई चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए हमें नए और नवाचारी तरीकों को अपनाना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकते हैं।

आत्मनिर्भर और रचनात्मक बनाना
वहीं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के प्रो कुलपति डॉ राजीव कुमार मल्लिक, (मानविकी संकाय) ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को न केवल ज्ञान प्रदान करना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवन के कौशलों से भी लैस करना चाहिए। 21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में हमें अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए छात्रों को आत्मनिर्भर और रचनात्मक बनाने पर। वहीं बारी-बारी से अन्य सभी वक्ताओं ने उपयुक्त शीर्षक को लेकर छात्र छात्राओं को संबोधन किया। उक्त संगोष्ठी में शोध छात्रों, संकाय सदस्यों और संकई के 200 छात्र-छात्राएं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। 

संगोष्ठी के आयोजन में अहम योगदान
 
संगोष्ठी के आयोजन में श्रीमती अनुपा सिंह, डॉ. दीपिका भारती, श्री भवतारण भकत, सुश्री मिलि कुमारी, श्री मधुसूदन महतो, और श्री राजेश्वर वर्मा समेत कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान था। 

संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य
इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करना था। वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और सुझाव दिए कि कैसे हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।
संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, असनबानी के निर्देशिका श्रीमती अनुपा सिंह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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