चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत शहरबेड़ा गांव के ग्राम प्रधान के विरुद्ध ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन के नेतृत्व में शहरबेड़ा टोला पाथरडीह में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी गई कि झारखंड सरकार के मुख्य सचिवालय ने वर्ष 2023 में एक पत्र निर्गत कर सरायकेला जिला प्रशासन को शहरबेड़ा के ग्राम प्रधान रवींद्रनाथ तंतूबाई को पदमुक्त करने का आदेश दिया था।सरकारी दस्तावेजों के अनुसार बाबूराम सोरेन ने कहा कि जिला प्रशासन ने कई बार चांडिल अनुमंडल कार्यालय को भी शहरबेड़ा ग्राम प्रधान को हटाने को लेकर पत्र जारी किया था।
अनुमंडल कार्यालय की ओर से तत्कालीन अंचलाधिकारी प्रणव अंबष्ट को रवींद्रनाथ तंतुबाई को ग्राम प्रधान से पद से मुक्त करने का आदेश दिया गया था। लेकीन राजनीतिक संरक्षण के कारण ग्राम प्रधान अब भी अपने पद पर बने हुए हैं और क्षेत्र में पॉकेट ग्राम सभा का आयोजन कर अपनी जेब भर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने क्षेत्र के कई विकास योजनाओं को प्रभावित करने का काम किया है।
सोरेन ने कहा जल्द ही चांडिल अंचलाधिकारी से मिलकर ग्राम प्रधान को हटाने और पारंपरिक ग्राम प्रधान की नियुक्ति करने को लेकर 15 दिन का मोहलत देंगे। यदि समयानुसार यह प्रक्रिया अंचल कार्यालय द्वारा पूरी नहीं की जाती है, तो वे भारतीय संविधान के उल्लंघन करने को लेकर सुसंगत धाराओं के तहत सीओ पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएंगे।
इस अवसर पर समाजसेवी सह ग्रामसभा सदस्य गुरुपद सिंह सरदार, सुनिल मारडी, चंद्र भूषण सिंह, पंकज हेम्ब्रम, सोम हेम्ब्रम, गुरुपदो मुर्मू, रमेश मुर्मू, मुकेश मारडी, राजू टुडु, सिमल टुडू आदि उपस्थित थे।