आज दलमा में विशु शिकार,55 वनकर्मी और 12 अधिकारी तैनात,


Chandil
:आज सोमवार को आदिवासियों द्वारा दलमा के घने जंगलों में पारंपरिक विशु शिकार (सेंदरा पर्व) मनाया जाना है. जंगली जानवरों का किसी भी हाल में शिकार नहीं होने देने के लिए वन विभाग ने पुख्ता तैयारी की है. एक तरफ आदिवासी सेंदरा वीरों की तैयारी जोरों पर है, वहीं दूसरी ओर वन विभाग भी पूरी तरह सतर्क है.


वन विभाग की तैयारी 17 चेकनाके अलग अलग रूट पर 55 वनकर्मी और 12 अधिकारी है तैनात 

रविवार को वन विभाग के आला अधिकारी के नेतृत्व में दिन भर गश्ती दल विभिन्न क्षेत्रों में गस्त करते रहे। दलमा की तलहटी में प्रवेश रोकने के लिए 17 चेकनाके बनाए गए हैं. इन बिंदुओं पर वनकर्मियों की तैनाती की गई है. ताकि किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधियों को रोका जा सके. वन विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सेंदरा के दौरान यदि किसी वन्य प्राणी का शिकार हुआ तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा और कड़ी सजा का प्रावधान लागू होगा.


वन विभाग की शिकारियों से अपील

वन विभाग ने अपील की है कि सेंदरा को सांस्कृतिक और धार्मिक महापर्व के रूप में मनाएं. पारंपरिक हथियारों (तीर-धनुष, भाला) तक ही सीमित रहें और नशीली दवाओं, देसी अवैध हथियार, बंदूकों, जाल और अत्याधुनिक हथियार का उपयोग न करें. पिछले वर्ष विभाग ने देसी कट्टा जब्त किया था,जिससे साफ संकेत मिला कि कुछ लोग परंपरा के नाम पर कानून का उल्लंघन भी करते. इस वर्ष दलमा रेंज को पांच जोन में बांटा गया है. हर जोन में अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जिनके पास सुरक्षा और निगरानी की पूरी जिम्मेदारी होगी. जोन-1 T से लेकर जोन-5 तक का विस्तार काली मंदिर, डिमना चौक, पिंडराबेड़ा, चांडिल, छाड़घर और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला है. संवेदनशील क्षेत्रों में दंडाधिकारी एवं सशस्त्र बल की तैनाती के लिए अनुमंडल पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया है. 55 से अधिक वनकर्मियों और भारतीय वन सेवा के 10 तथा राज्य वन सेवा के 2 अधिकारियों को अभियान में शामिल किया गया है.


दलमा इस बार ना के बराबर शिकार 

वन विभाग के अनुसार, इस बार तीन हजार से अधिक सेंदरा वीर दलमा के जंगलों और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचेंगे. वहीं दलमा पश्चिम रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि बीते तीन माह से चल रहे जागरूकता अभियान का इस वर्ष व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। जिससे विशु शिकार में शामिल होने वाले सेंदरा वीरों में भारी कमी आई है। शिकार ना के वारावर ही है।

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