सावन में ऐतिहासिक निर्णय: पहली बार श्रद्धालुओं से सरकारी राजस्व नहीं लिया जाएगा, दलमा पूजा कमिटी की,केंद्रीय मंत्री संजय सेठ की पहल पर दलमा शिव मंदिर दर्शन के लिए प्रवेश शुल्क हुआ पूरी तरह से निरस्त

 


चांडिल/दलमा – सावन के पावन महीने में श्रद्धालुओं को दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी स्थित शिव मंदिर में दर्शन के लिए अब कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह पहली बार है जब श्रद्धालुओं से सरकार की ओर से कोई राजस्व वसूली नहीं की जाएगी।यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ की पहल पर लिया गया है। पहले हर साल सावन में शिव भक्तों से वाहन प्रवेश शुल्क और अन्य शुल्क वसूले जाते थे, जिससे राजस्व जमा होता था। लेकिन इस बार जनता और सामाजिक संगठनों के विरोध को देखते हुए, जब मामला मंत्री संजय सेठ तक पहुँचा, तो उन्होंने इसे श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा विषय मानते हुए डीएफओ सवा आलम अंसारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी श्रद्धालु पर आर्थिक बोझ न डाला जाए।मंत्री के निर्देश के बाद डीएफओ अंसारी ने तुरंत प्रवेश शुल्क समेत सभी शुल्कों को पूर्ण रूप से निरस्त कर दिया।

उन्होंने कहा कि “यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि श्रद्धालु बिना किसी शुल्क के आस्था के साथ दर्शन कर सकें। इस बार सरकार की ओर से कोई राजस्व नहीं लिया जाएगा।”यह निर्णय न केवल सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा और आस्था के प्रति संवेदनशील है।स्थानीय ग्रामीणों, धार्मिक संगठनों और शिव भक्तों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है जब दलमा क्षेत्र में सरकारी स्तर पर श्रद्धालुओं को निशुल्क प्रवेश की सुविधा मिली है। ये दलमा पूजा कमिटी का भी मांग था यह कदम निश्चित ही आने वाले वर्षों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण 

बनेगा।

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