विधायक सविता महतो ने शून्यकाल में उठाया चांडिल डैम विस्थापितों का मुद्दा

 


रांची:झारखंड विधानसभा के शून्यकाल में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक सविता महतो ने चांडिल डैम निर्माण से प्रभावित परिवारों की समस्याओं को गंभीरता से उठाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि चांडिल डैम का निर्माण हुए बयालीस वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इसके कारण विस्थापित हुए चौरासी मौजा के कुल एक सौ सोलह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं, मुआवजा भुगतान और सुरक्षित पुनर्वास से वंचित हैं।विधायक महतो ने सदन को बताया कि डैम की जल भंडारण क्षमता के निर्धारित आरएल मीटर का पालन नहीं होने के कारण हर वर्ष इन गांवों में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे ग्रामीणों को बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण हर मानसून में जानमाल की असुरक्षा, फसल को होने वाले नुकसान और आवागमन बाधित होने जैसी कठिन परिस्थितियों से गुजरने को विवश हैं, जबकि वर्षों पूर्व किए गए पुनर्वास और मुआवजा आश्वासन अब तक अधूरे हैं।विधायक ने सरकार से मांग की कि चांडिल डैम निर्माण से प्रभावित एवं विस्थापित परिवारों के सम्पूर्ण पुनर्वास कार्य को पूरा करने के लिए पचास करोड़ रुपये की राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि डैम निर्माण से संबंधित आरएल मीटर की बाध्यता को समाप्त कर विस्थापन से जुड़े सभी बकाया मुआवजा मामलों का निपटारा किया जाए, जिससे लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे ग्रामीणों को राहत मिल सके।उन्होंने विधानसभा में यह भी आग्रह किया कि चांडिल डैम की जल भंडारण क्षमता को एक सौ अस्सी आरएल मीटर से नीचे रखा जाए, ताकि प्रतिवर्ष होने वाली बाढ़ की समस्या को रोका जा सके और गांवों में सुरक्षित पर्यावरण की स्थिति बनी रहे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल मुआवजा और पुनर्वास का नहीं, बल्कि ग्रामीणों के जीवन और आजीविका की रक्षा का है, जिसके लिए सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।सविता महतो ने स्पष्ट रूप से कहा कि विस्थापितों की चार दशक से अधिक समय से चली आ रही समस्याओं को अब और लंबित नहीं रखा जा सकता और राज्य सरकार को योजनाबद्ध तरीके से पुनर्वास, मुआवजा भुगतान और डैम प्रबंधन से जुड़े निर्णयों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करना चाहिए, ताकि प्रभावित गांवों को एक स्थायी समाधान मिल सके।
Advertisement 

Post a Comment

Previous Post Next Post