चांडिल : शनिवार को आदिवासी भूमिज–मुंडा समाज के युवाओं, मुखियाओं, सरदारों व समाज के बुजुर्गों की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण समाजिक बैठक आयोजित की गई। इस सभा की अध्यक्षता श्री कुसुम कमल सिंह द्वारा की गई, जिसमें समाज के विकास, युवाओं की शिक्षा-रोजगार, नशा मुक्ति तथा सामाजिक उत्थान के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में यह बात सामने आई कि यदि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और स्वरोजगार व कौशल विकास के अवसर उपलब्ध हों, तो उन्हें पलायन तथा अस्थिर आजीविका नहीं अपनानी पड़ेगी।उपस्थित सदस्यों — जिसमें उरमाल मुखिया, भीम सिंह मुंडा, चाण्डिल मुखिया, मनोहर सिंह सरदार, उमेश सिंह मुंडा, रविन्द्र सरदार, फनीभूषण सिंह सरदार, जयनाथ सिंह, देवनाथ सिंह मुंडा, श्रवन सिंह मुंडा, मंगल सिंह आदि शामिल थे — ने नशे की प्रवृति, शराब व मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव तथा सामाजिक बुराइयों से समाज को दूर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभा में यह निश्चय किया गया कि युवा-जागरूकता अभियान, शिक्षा व रोजगार से जोड़ने वाली पहल, सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बचाए रखने की दिशा में सतत प्रयास होंगे। इस बैठक का उद्देश्य सिर्फ एक अस्थायी सभा नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के युवाओं के लिए दीर्घकालिक विकास की राह तय करना था। सामाजिक एकता, युवा सशक्तिकरण, शिक्षा-स्वरोजगार, नशा मुक्ति और सांस्कृतिक पहचान — इन सभी आयामों को ध्यान में रखते हुए उपस्थित हो रहे सभी लोगों ने मिलकर समाज के सर्वांगीण उत्थान की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। यदि इस प्रकार की पहल समय-समय पर जारी रहे, और सामूहिक प्रयास, युवाओं की भागीदारी व नेतृत्व का सहयोग बना रहे, तो आने वाले समय में समाज में शिक्षा, आर्थिक आत्मनिर्भरता व सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक बदलाव संभव है।
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