चांडिल, 28 जून:चांडिल प्रखंड के चिल्गू गांव स्थित मां दुर्गा मंदिर परिसर में शनिवार को मां विपदतारिणी की पूजा बड़ी ही धूमधाम और आस्था के साथ की गई। पूरे क्षेत्र में विशेष धार्मिक उत्साह देखने को मिला। महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ निर्जला व्रत रखकर मां विपदतारिणी की पूजा-अर्चना की।पूजा में सैकड़ों की संख्या में व्रती महिलाएं और श्रद्धालु उपस्थित रहे। माहौल भक्तिमय बना हुआ था। व्रती महिलाओं ने नई साड़ी पहनकर लाल चुनरी और पूजन की थाली के साथ पूजा में हिस्सा लिया।
चिल्गू के स्थानीय पंडित विपदतारण पांडे के नेतृत्व में विधिपूर्वक पूजन और कथा का आयोजन किया गया।पंडित पांडे ने बताया कि मां विपदतारिणी को मां दुर्गा का एक रूप माना जाता है, जो संकटों से उबारने वाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और मां की पूजा करने से जीवन में आने वाली विपत्तियाँ दूर होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की रक्षा के लिए करती हैं।पूजा के दौरान व्रती महिलाओं ने माँ की कथा सुनी, फिर पेड़ से बंधे एक विशेष धागे को खोलकर उसे कलाई पर बांधा, जो पारंपरिक रूप से विपत्ति को दूर करने वाला माना जाता है। इसके बाद मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन भी हुआ, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरे मनोयोग से हिस्सा लिया।पूजा के अंत में सभी व्रतियों को प्रसाद वितरण किया गया। मंदिर कमेटी द्वारा सभी श्रद्धालुओं के लिए भोग प्रसाद और जलपान की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने कहा कि मां विपदतारिणी की कृपा से उनका परिवार हर संकट से बचा रहता है, और यही विश्वास उन्हें हर साल इस पर्व से जोड़ता है।पूरे चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में इस अवसर पर कई अन्य स्थानों पर भी मां विपदतारिणी की पूजा विधिवत की गई, जिसमें खासकर महिलाओं की सहभागिता उल्लेखनीय रही।
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आस्था




