दलमा जंगल में मधु उत्पादन को लेकर सबर-पहाड़िया समुदाय को मिला प्रशिक्षण, अब "दलमा मधु" के नाम से बाजार में मिलेगा शुद्ध शहद


चांडिल 25जून:
वन विभाग के प्रयास से दलमा जंगल में रहने वाले सबर और पहाड़िया समुदाय के लोगों को मधुमक्खी पालन और शहद संग्रहण का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण रांची से आए विशेषज्ञ अशोक कुमार के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।प्रशिक्षण के दौरान अशोक कुमार ने प्रतिभागियों को मधुमक्खी की कॉलोनी (छत्ता) को नष्ट किए बिना शहद निकालने की तकनीक सिखाई। उन्होंने बताया कि छत्ता नष्ट करने से मधुमक्खियों की आबादी घटती है और दीर्घकालिक नुकसान होता है। प्रशिक्षण में शहद की शुद्धता बनाए रखने, उसकी पैकेजिंग और बाजार में बिक्री की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई।


दलमा के रेंजर दिनेश चंद्रा ने जानकारी दी कि अब जंगल से प्राप्त शहद "दलमा मधु" ब्रांड नाम से बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “पहले ग्रामीण मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी को उजाड़ देते थे और सीधे शहद बेच देते थे, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान होता था बल्कि शहद जल्दी खराब भी हो जाता था। अब प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण वैज्ञानिक तरीके से शहद निकालेंगे, जिससे उन्हें स्थायी आजीविका भी मिलेगी।
प्रशिक्षण में शामिल भमर पहाड़िया ने बताया कि समुदाय के लोग इस पहल से काफी उत्साहित हैं और अब शहद निकालने के प्रति अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इस अवसर पर फॉरेस्टर सागर कुमार श्रीवास्तव, मनोहार कुमार, वन रक्षी अचिंत कुमार राणा, आदि मौजूद थे 






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