सत्यनारायण सोसियो इकोनोमिक रिसर्च सेंटर में धांधली का आरोप, गवर्निंग बॉडी और कार्यकारिणी सदस्यों ने सामूहिक रूप से दिया इस्तीफा

 


चांडिल :सामाजिक शोध के उद्देश्य से वर्ष 2022 में गठित सत्यनारायण सोसियो इकोनोमिक रिसर्च सेंटर में गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। संस्था के गवर्निंग बॉडी तथा कार्यकारिणी के दो प्रमुख सदस्यों बनमाली हांसदा और बबलू सोरेन ने सचिव सत्यनारायण मुर्मू पर एकपक्षीय एवं अपारदर्शी ढंग से संस्था संचालन का आरोप लगाते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने आरोप लगाया कि संस्था गठन के समय व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों से आधार कार्ड और फोटो मंगवाकर सदस्यता दी गई थी, लेकिन बीते तीन वर्षों में संस्था की एक भी बैठक नहीं बुलाई गई और न ही किसी प्रकार की सूचना अन्य सदस्यों को दी गई। इसके अलावा संस्था की वित्तीय रिपोर्टिंग (वार्षिक ऑडिट) भी सरकार को नहीं दी गई है।सदस्यों का कहना है कि संस्था का इस्तेमाल भूमि संबंधित मामलों और आर्थिक हेराफेरी के लिए किया जा रहा है। संस्था के सचिव पर यह भी आरोप है कि वह Societies Registration Act 1860 के तहत निर्धारित बाईलॉज एवं नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिससे अन्य सदस्यों पर भी कानूनी कार्रवाई की आशंका बनी रहती है।बनमाली हांसदा और बबलू सोरेन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अब संस्था की किसी भी गतिविधि के सहभागी नहीं रहना चाहते और उन्होंने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। दोनों सदस्यों ने जिला प्रशासन एवं संबंधित पंजीयन पदाधिकारी से संस्था की जांच कराने की मांग की है।
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